आसान विज्ञान….क्या अनुवांशिक गुण सुधारे जा सकते हैं ? 

दोस्तों, ऐसी कौन सी 5 इच्छाएं हैं जिन्हे पाने के लिए बहुत से लोग जीवन भर प्रयत्न करते हैं ?  और काफी धन व् समय लगाते हैं इन्हे पूरा करने के लिए।

वैज्ञानिक भी लगे हैं इन मानवीय इच्छाओं के समाधान ढूंढ़ने में। कुछ  चतुर व्यक्ति,  लोगों को आश्वासित कर, उन्हें तरह तरह के स्वपन दिखा कर, ज़ोर शोर से धन अर्जित में लगे हैं!

आईये देखें ऐसी कौन सी आकांक्षाएँ हैं जो हर किसी को लुलोभित करती हैं?

1) ऊँचा लम्बा कद :

 हर पुरुष चाहता है एक  लम्बा चौड़ा व्यक्तित्व। अमिताभ बच्चन का सा कद हो तो क्या बात है। 

लडकियां भी 5’ 4” से ऊपर होना ही पसंद करती हैं, आज की अभिनेत्रियां कीर्ति सैनॉन, दीपिका पादुकोण आदि तो  5’9”के आस पास लम्बी हैं।

लोग क्या क्या तरीके अपनाते हैं लम्बे दिखने के लिए , बड़ी बड़ी हील्स , ऊंचे उठे हुए बाल और भी क्या कुछ !

 

मित्रों आपने देखा होगा कि छोटे कद के लड़के  लड़कियां अक्सर लटकने वाले व्यायाम  करने में लगे होते हैं , इस उम्मीद मैं की शायद लम्बे हो जाएं। 

2) दूसरा सपना है गोरी त्वचा:

कोई भी आपने स्वाभिक रंग से खुश नहीं दिखता , प्रत्येक व्यक्ति कितने ही प्रकार के उपायों में उलझा रहता है।   

तरह तरह की उबटने, क्रीम, देसी नुस्खे सब आजमाने को तत्पर , केवल गोरा बनने के लिए; आज कल आप देखेंगे  लड़के भी पीछे नहीं हैं इस दौड़ में।

3) सुडोल , छरेहरा , लचकीला शरीर:

हर लड़की और हर एक पुरुष का सपना होता है , आकर्षक डील डोल।  इस के चलते आप देख सकते हैं हर गली , हर नुकड़ पर  gym खुले हैं। 

कई प्रकार के डाइट्स प्रचलित हैं जो समय समय पर बदलती रहती हैं। 

विवाह की उम्र के मोटे , थुलथुल शरीर हे लड़के व् लडकियां शादी से पहले मेहनत  करके आकर्षक शरीर बना लेते हैं किन्तु विवाह के बाद साल भर में ही अपने पुराने वज़न पर पहुँच जाते हैं I

4)काले,घने,लहराते बाल:

कौन नहीं चाहता खूबसूरत बाल?  आखिर चेहरे के आस पास महकती, झूलती लटों पर कितने ही कवियों ने कवितायेँ लिखी हैं। यूँही तो नहीं कहते हैं  बालों को  “CROWNING GLORY”

सदियों से लोग कितने यत्न  करते रहे  हैं आपने बालों को सजाने सवारने के लिए। भांति भांति के तेल व्  नुस्खे  अपनाते हैं इन्हे बचाये रखने के लिए। पिछला  को  ब्लॉग ज़रूर पढियेगा  गंजेपन पर।  

5) स्वस्थ जीवन और लबी आयु :

मित्रों, बड़े बूढ़े हमेशा आशीर्वाद देते हैं,” युग युग जियो, स्वस्थ रहो, खुश रहो ।”

हम सब यही चाहते हैं कि बीमारियां हम से दूर रहे, हम और हमारे परिवार जन  साथ साथ ज़िंदगी का मज़ा लें, दुःख हमें कभी छुए भी नहीं। फिर भी हर परिवार में कुछ अकस्मात मौतें, कुछ बीमारियां , कुछ दुःख लगे ही रहते हैं। 

मित्रों , यदि आपने पीछे के ब्लॉग ध्यान से पढ़े हैं तो आप समझ गए होंगे कि यह पांचों गुण हमें मिलते हैं अपने पूर्वजों से विरासत में।  माता पिता व् दोनों तरफ के परिवारों से मिली जीन्स के अनुसार ही हम सब की कद काठी, त्वचा का रंग, बाल, स्वास्थय और आयु होती है। 

हाँ, कुछ हद तक प्रयत्न करने से हम अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं किन्तु पूर्णतया बदल नहीं सकते। 

माना की हमारी अनुवांशिक प्रवर्ति हमारे वश में नहीं  किन्न्तु कुछ बदलाव  लाने के लिए लगातार अपने भोजन पर, वातावरण पर व् शारीरिक व्यायाम पर ध्यान  रखना ज़रूरी है।

साथियों, अगले ब्लॉग से हम शुरू करेंगे  बातचीत भोजन के महत्व के बारे में,

जुड़िये रहिये हमारे साथ,

रेणुका